मंगलवार, 17 अगस्त 2010

राहत भरा कदम


प्रदेश के किसानो के लिए यह खबर राहत देने वाली है की बाकि के जिलों को भी सूखा प्रभावित घोषित किया गया है. राज्यपाल के सलाहकारों की सिफारिश का प्रयास रंग लाया है. इसके लिए महामहिम राज्यपाल साधुवाद के पत्र हैं. तीन सालों से प्रदेश की जनता सूखे की मर झेल रही थी और शासन की लापरवाही का आलम यह था कि फसल बीमा के पैसा  भी सभी किसानो तक नहीं पहुँच पाया है. महामहिम से आशा है कि इस मुद्दे पर भी कुछ कड़े कदम उठए जाएँगे. झारखण्ड किसानो का दर्द यह है कि जब उपज होती है तो उन्हें सस्ते में बेचना पड़ता है और सूखे के समय दुगने दम पर अनाज मिलता है.उसमे भी पैसे कि दिक्कत अलग. 

इस प्रान्त कि कृषि कि सबसे बड़ी समस्या है सिंची कि व्यवस्था का घोर अभाव. झारखण्ड कि कृषि भूमि पर अगर यह व्यवस्था सुलभ हो जाये तो प्रदेश में न सूखे कबूरअ असर पड़ेगा और न ही किसानो को अन्य प्रान्तों में जाकर मजदूरी करनी पड़ेगी. राज्यपाल इस बारे में भी विचार करें. वहां कि राजनैतिक स्थिति पर बात करना गल बजने जैसा ही है इसलिए कुछ नहीं कहूँगा.