शुक्रवार, 12 मार्च 2010

वोट कहीं न जाए

महिला आरक्षण के विरोध में खड़े लालू-मुलायम की चिंता कहाँ हैं,सभी जानते हैं। देश जाए,समाज जाए पर वोट कहीं न जाए,शायद यही मंत्र है इनका। सालों तक बिहार में जंगलराज चलाने वाले लालू को आज पिछड़े वर्ग के महिलाओं की याद आ रही है। मुलायम जब यूपी के सीएम थे, कुछ कर नहीं पाए। आज जब कांग्रेस ने युगों से शोषित महिलाओं को आरक्षण देने की कोशिश की तो अनर्गल विरोध करना शुरु कर दिया। यहाँ तक कि समर्थन की वापसी की घोषणा भी कर दी। राज्यसभा में बिल के पास होने के बाद जिस तरह के स्वर अन्य दलों के नेताओं के बीच उठ रहे हैं, उससे यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि बिल की समर्थक पार्टियों के नेता भी आपस में एकमत नहीं हैं। एक सवाल जो उभर कर आया है,वह यह है कि 1996 से इस विधेयक पर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया. इसे भी कांग्रेस की सोची-समझी वोट की राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि पार्टयां वही करेंगी जो करेंगी जो वोट के लिहाज से ठीक होगा।